कहते हैं कि चिंता चिता से भी ज्यादा दुखदाई होती है ऐसा ही हुआ है पाटन के जिलों गांव के करीब कुम्हार के साथ उसकी चिंता का कारण उनके परिवार की रोजी-रोटी छिन जाना है। उनकी चिंता का कारण प्रशासन द्वारा दिया गया नोटिस है प्रशासन के नोटिस के अनुसार गरीब कुम्हार राधा किशन कुमावत द्वारा मिट्टी के बने बर्तनों को पकाने के लिए बनाए गये आवे और शौचालय को अतिक्रमण बताया गया है तथा उस जगह को जल्द से जल्द खाली करने का आदेश दिया है जिसके चलते राधा किशन के परिवार की रोजी रोटी छिन जाएगी।
राधा किशन कुमावत का परिवार लंबे समय से मिट्टी के बर्तन बनाकर अपना परिवार चला रहे हैं लेकिन प्रशासन के इस निर्णय के बाद 3 दिन से उनके घर में चूल्हा भी नहीं जला है । उनका सारा परिवार बिना खाए पिए प्रशासन के सामने दरबदर ठोकरें खाता पी रहा है और प्रशासन से अपने आवे को बचाने की फरियाद लगा रहा है जिससे वह अपनी रोजी रोटी चल सके।
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परेशानी नहीं छोड़ रही पीछा
पहले बेटी पर जानलेवा हमला फिर 19 साल के बेटे की मौत और अब प्रशासन का यह निर्णय राधा किशन कुमावत के परिवार का परेशानी पीछा नहीं छोड़ रही है। राधा किशन की बेटे ने बताया कि 1 साल पहले गांव के दबंगों ने उन पर हमला कर दिया जिसके चलते बहुत दिनों तक हुआ है अस्पताल में भर्ती रही तथा हमले के खिलाफ आवाज उठाने पर उसके 19 साल के भाई की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। जिसके बाद छोटे भाई ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया।
राधा किशन कुमावत का परिवार बहुत ही गरीब है लेकिन फिर भी अपनी बच्ची की सुरक्षा कर्ज लेकर उसने शौचालय का निर्माण कराया लेकिन अब प्रशासन के इस फैसले से लड़की की सुरक्षा तथा घर की रोजी रोटी दोनों पर विपदा आ पड़ी है।
2012 में सरपंच ने दी थी अनुमति
मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 2012 में सरपंच संतोष ने राधा किशन के पिता के नाम वहां पर बर्तन का काम करने की लिखित अनुमति दी थी जिसमें लिखा था कि वह अपने घर के पीछे बने कुएं के पास स्वच्छता का ध्यान रखते हुए मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य कर सकते हैं । उसी आदेश के चलते परिवार ने वहां पर आवे का निर्माण किया तथा अपनी लड़की की सुरक्षा को देखते हुए वहीं पर एक शौचालय का भी निर्माण करवा लिया।
नीमकाथाना तहसीलदार दिनेश शर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार उनसे मिल चुका है और मिलने पर पता चला है कि उनके परिवार की बहुत ही दयनीय स्थिति है इसके बाद प्रशासन विधिवत न्याय करेगा।
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